अजनबी नज़रों से अपने आप को देखा न कर

June 26th, 2014

अजनबी नज़रों से अपने आप को देखा न कर
आइनों का दोष क्या है? आइने तोड़ा न कर

 

ये भी मुमकिन है ये बौनों का नगर हो इसलिए
छोटे दरवाज़ों की ख़ातिर अपना क़द छोटा न कर

 

यह सनक तुझको भी पत्थर ही न कर डाले कहीं
हर किसी पत्थर को पारस जानकर परखा न कर

 

रात भी गुज़रेगी, कल सूरज भी निकलेगा ज़रूर
ये अँधेरे चन्द लमहों के हैं, जी छोटा न कर

 

काँच सारी खिड़कियों के धूप ने चटका दिए
वक़्त की चेतावनी को और अनदेखा न कर

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