चिड़िया अम्बर बन जाती है
June 30th, 2014
पंखों को जब फैलाती है
चिड़िया अम्बर बन जाती है
कितने मौसम लौट आते हैं
जब चिड़िया गाना गाती है
धूप, छाँव, आँधी, बारिश को
एक भाव से अपनाती है
तिनकों तक से मोह नहीं है
छोड़ घोंसला उड़ जाती है
लेकिन देख धुँए के बादल
वो भी कितना घबराती है