इच्छा का प्रश्न है न अनिच्छा क प्रश्न है
June 26th, 2014
इच्छा का प्रश्न है न अनिच्छा क प्रश्न है
हर युग में एकलव्य की शिक्षा का प्रश्न है
ना राष्ट्र, न समाज, न तहज़ीब का ख़याल
सबके समक्ष अपनी सुरक्षा का प्रश्न है
बगुलों का क्या, मिला जो उठाकर वो खा गये
हंसों में ये भी एक परीक्षा का प्रश्न है
शब्दों के मोह जाल से उठकर वो लिख सके
कवि के लिये ये अग्नि-परीक्षा का प्रश्न है
कब तक मैं पत्थरों को सहूँ कट के भीड़ से
ये मेरे धैर्य, मेरी परीक्षा का प्रश्न है