आँसुओं को छुपाना होता है
June 26th, 2014
आँसुओं को छुपाना होता है
जब कभी मुस्कुराना होता है
हर नये ग़म को ये हिदायत है
मेरे घर हो के जाना होता है
साफ़ रह्ने के वास्ते मन को
आँसुओं से नहाना होता है
ख़ुद-ब-ख़ुद ज़ख़्म हँसने लगते हैं
जब भी मौसम सुहाना होता है
रात जागे है क्योंकि रोज़ इसे
एक सूरज उगाना होता है